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Showing posts from March, 2025

भाजपा ने बदली उत्तर प्रदेश की कमान: नए जिला और महानगर अध्यक्षों की सूची जारी, 2027 की तैयारी शुरू

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  जय प्रकाश भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने उत्तर प्रदेश में अपने संगठन को मजबूत करने के लिए नए जिलाध्यक्षों और महानगर अध्यक्षों की सूची जारी की है। यह कदम 2027 के विधानसभा चुनावों की तैयारियों का हिस्सा है , जिसमें जातीय संतुलन को विशेष रूप से ध्यान में रखा गया है। 2024 के लोकसभा चुनावों में पार्टी को मिली अप्रत्याशित हार ने इस बदलाव को प्रेरित किया है। इस लेख में हम इस नई रणनीति , इसके पीछे के कारणों और संभावित प्रभावों पर विस्तार से चर्चा करेंगे। 2024 का लोकसभा चुनाव: भाजपा की हार का विश्लेषण 2024 के लोकसभा चुनावों में उत्तर प्रदेश में भाजपा का प्रदर्शन उम्मीद से काफी नीचे रहा। 2019 में जहां पार्टी ने 80 में से 62 सीटें जीती थीं , वहीं 2024 में यह आंकड़ा घटकर 33 पर आ गया। समाजवादी पार्टी (सपा) और कांग्रेस के गठबंधन ‘इंडिया ब्लॉक’ ने 43 सीटें हासिल कीं , जिसमें सपा की 37 सीटें शामिल थीं। इस हार के पीछे कई कारण थे- विपक्ष का मजबूत जातिगत गठजोड़ , खासकर गैर-यादव ओबीसी और दलित मतदाताओं का सपा की ओर झुकाव , और भाजपा का अति आत्मविश्वास। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हार के बाद इसे...

राहुल गांधी का गुजरात दौरा: कांग्रेस में बदलाव की बयार, बीजेपी की मदद करने वालों को बाहर करने की चेतावनी

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जय प्रकाश अहमदाबाद, 8 मार्च 2025: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने अपने दो दिवसीय गुजरात दौरे के दौरान पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए संगठन में बड़े बदलाव का संकेत दिया। 7 और 8 मार्च को गुजरात में आयोजित विभिन्न बैठकों में राहुल गांधी ने साफ शब्दों में कहा कि कांग्रेस में अब दो तरह के नेताओं की पहचान की जाएगी और जो लोग भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की मदद करते हैं, उन्हें पार्टी से पूरी तरह बाहर का रास्ता दिखाया जाएगा। यह बयान कांग्रेस के भीतर एक बड़े फेरबदल और 2027 के गुजरात विधानसभा चुनाव की तैयारी का संकेत देता है। कार्यकर्ताओं को दिया मजबूत संदेश शनिवार को अहमदाबाद में पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने कहा, "कांग्रेस में दो तरह के नेता हैं। एक वो जो पार्टी के लिए दिन-रात मेहनत करते हैं और दूसरे वो जो बीजेपी की मदद करते हैं। अब हमें इन दोनों को अलग करना है। जो लोग बीजेपी के साथ मिलकर कांग्रेस को कमजोर करने की कोशिश कर रहे हैं, उन्हें हम बर्दाश्त नहीं करेंगे। ऐसे लोगों को बाहर का रास्ता दिखाया जाएगा।" इस बयान से...

बहुजन समाज पार्टी का संकट और दलित राजनीति का भविष्य

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  जय प्रकाश  बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) कभी उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक मजबूत ताकत हुआ करती थी। 2007 में पूर्ण बहुमत के साथ सत्ता हासिल करने वाली यह पार्टी पिछले डेढ़ दशक से लगातार कमजोर होती जा रही है। 2012 के विधानसभा चुनावों से शुरू हुआ हार का सिलसिला आज तक थमने का नाम नहीं ले रहा। 2024 के लोकसभा चुनाव में पार्टी का खाता तक नहीं खुला, और 2022 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में सिर्फ एक सीट पर सिमट गई। इस बीच, पार्टी सुप्रीमो मायावती का अपने करीबी नेताओं को बाहर करने का सिलसिला भी जारी है। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या दलित राजनीति अब बीएसपी के हाथ से निकल रही है? क्या यह कांग्रेस की ओर बढ़ेगी, या फिर चंद्रशेखर आजाद जैसे नए नेता इसका नेतृत्व संभालेंगे? बीएसपी का पतन: 2012 से अब तक 2012 के विधानसभा चुनाव में बीएसपी को 80 सीटें मिली थीं, जो 2007 के 206 के मुकाबले भारी गिरावट थी। इसके बाद 2017 में यह संख्या घटकर 19 और 2022 में महज 1 रह गई। लोकसभा चुनावों में भी पार्टी का प्रदर्शन निराशाजनक रहा। 2019 में समाजवादी पार्टी (एसपी) के साथ गठबंधन के बावजूद 10 सीटें जीतने वाली बीएसपी...