नई दिल्ली: तमाम अटकलों पर विराम लगाते हुए भाजपा
ने दिल्ली में अपने मुख्यमंत्री का चेहरा खोल दिया है. भाजपा ने शालीमार बाग से
विधायक रेखा गुप्ता को दिल्ली का नया मुख्यमंत्री नियुक्त किया है। 19 जुलाई 1974 को हरियाणा के
जुलाना में जन्मी रेखा गुप्ता ने दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (DUSU) की अध्यक्ष (1996-1997) के रूप में
अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की। वह दो बार (2007 और 2012) उत्तरी पीतमपुरा वार्ड से पार्षद
चुनी गईं। 2025 के
विधानसभा चुनाव में, उन्होंने
शालीमार बाग सीट से आप की बंदना कुमारी को 29,595 वोटों के अंतर से हराया। उनकी
संगठनात्मक क्षमताओं और जमीनी स्तर पर मजबूत पकड़ ने उन्हें मुख्यमंत्री पद के लिए
उपयुक्त उम्मीदवार बनाया।
यहां बता दें कि दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 में भारतीय
जनता पार्टी (भाजपा) ने ऐतिहासिक जीत दर्ज करते हुए 70 में से 48 सीटों पर कब्जा
जमाया, जिससे
आम आदमी पार्टी (आप) की सरकार को सत्ता से बेदखल कर दिया। आप को मात्र 22 सीटों से संतोष
करना पड़ा, जबकि
कांग्रेस एक बार फिर खाता खोलने में नाकाम रही। इस चुनावी परिणाम ने दिल्ली की
राजनीतिक दिशा में महत्वपूर्ण परिवर्तन का संकेत दिया है।
चुनाव की पृष्ठभूमि और प्रमुख मुद्दे
दिल्ली में 5 फरवरी 2025 को मतदान संपन्न हुआ, जिसमें कुल 1.55 करोड़ पंजीकृत
मतदाताओं में से 60.54% ने
अपने मताधिकार का प्रयोग किया। चुनाव से पहले, राजधानी में कई महत्वपूर्ण मुद्दे उभरकर सामने आए
थे, जिन्होंने
मतदाताओं के निर्णय को प्रभावित किया।
स्थानीय शासन और बुनियादी ढांचा
यमुना नदी की सफाई, जो 2020 में आप सरकार का प्रमुख वादा था, अब तक अधूरा
रहा। इसके अलावा, शहर की
स्वच्छता और कचरा प्रबंधन में कमी के कारण नागरिकों में असंतोष बढ़ा।
लोकनीति-सीएसडीएस सर्वेक्षण के अनुसार, 90% से अधिक मतदाता शहर की स्वच्छता से
असंतुष्ट थे। वायु प्रदूषण और स्वच्छ पेयजल की कमी भी प्रमुख चिंताएं रहीं, जिन्हें 80% से अधिक
मतदाताओं ने महत्वपूर्ण मुद्दों के रूप में चिन्हित किया।
भ्रष्टाचार के आरोप और नेतृत्व की विश्वसनीयता
आप सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोप, विशेषकर शराब
नीति में अनियमितताएं और मुख्यमंत्री निवास पर अत्यधिक खर्च, जिसे भाजपा ने 'शीश महल' करार दिया, ने जनता के बीच
नकारात्मक धारणा बनाई। लोकनीति-सीएसडीएस सर्वेक्षण में लगभग दो-तिहाई उत्तरदाताओं
ने आप सरकार को भ्रष्ट माना, जिसमें 28% ने इसे अत्यधिक भ्रष्ट कहा। इन आरोपों ने आप की
विश्वसनीयता को गंभीर रूप से प्रभावित किया।
प्रमुख नेताओं की हार और भाजपा की रणनीति
इस चुनाव में आप के कई प्रमुख नेता, जिनमें
राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया, सत्येंद्र कुमार जैन, सौरभ भारद्वाज, राखी बिड़ला, और दुर्गेश
पाठक शामिल हैं, अपनी
सीटों से हार गए। भाजपा ने इन नेताओं के खिलाफ भ्रष्टाचार और प्रशासनिक विफलताओं
को प्रमुख मुद्दा बनाकर आक्रामक प्रचार किया, जिसका सकारात्मक परिणाम उन्हें मिला।
प्रवेश वर्मा: उपमुख्यमंत्री के रूप में
भाजपा सांसद प्रवेश वर्मा को उपमुख्यमंत्री
नियुक्त किया गया है। उनका राजनीतिक अनुभव और प्रशासनिक कौशल रेखा गुप्ता के साथ
मिलकर दिल्ली के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
कांग्रेस की स्थिति
कांग्रेस पार्टी लगातार तीसरी बार दिल्ली
विधानसभा में खाता खोलने में विफल रही। हालांकि, उसका वोट प्रतिशत पिछले चुनावों की
तुलना में थोड़ा बढ़ा, लेकिन
यह सीटों में तब्दील नहीं हो सका। पार्टी के 70 में से 67 उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई, जो पार्टी के
लिए गंभीर चिंतन का विषय है।
भविष्य की चुनौतियाँ और संभावनाएँ
भाजपा की नई सरकार के सामने कई चुनौतियाँ हैं, जिनमें यमुना
की सफाई, स्वच्छता, वायु प्रदूषण, और स्वच्छ
पेयजल की उपलब्धता प्रमुख हैं। भाजपा ने चुनाव प्रचार के दौरान इन मुद्दों के
समाधान का वादा किया था, और अब
जनता की उम्मीदें उनसे जुड़ी हैं। इसके अलावा, आप और कांग्रेस जैसी विपक्षी पार्टियाँ अपनी
रणनीतियों पर पुनर्विचार कर सकती हैं, जिससे आगामी राजनीतिक परिदृश्य और भी दिलचस्प हो
सकता है।
दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 के परिणाम ने
राजधानी की राजनीति में एक नया अध्याय जोड़ा है। भाजपा की निर्णायक जीत, आप की प्रमुख
नेताओं की हार, और
कांग्रेस की निरंतर विफलता ने यह स्पष्ट किया है कि दिल्ली के मतदाता परिवर्तन
चाहते थे। अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि नई सरकार जनता की अपेक्षाओं पर कितना
खरा उतरती है और दिल्ली के विकास में किस प्रकार योगदान देती है।
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