यहां बता दें कि इन याचिकाओं में 2023 में आए सुप्रीम
कोर्ट की संविधान पीठ के फैसले का हवाला दिया गया है. उस फैसले में कोर्ट ने चुनाव
आयुक्त का चयन करने वाली कमेटी में चीफ जस्टिस, पीएम और नेता विपक्ष को रखने का आदेश दिया था.
लेकिन सरकार ने नया कानून पास करते हुए इस कमेटी में चीफ जस्टिस को न रख कर पीएम
की तरफ से नामित मंत्री को जगह दी.
एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स, लोक प्रहरी और
जया ठाकुर समेत कई याचिकाकर्ताओं ने नए कानून को चुनौती दी है. इन याचिकाकर्ताओं
ने नए कानून के आधार पर हुई नए मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार और चुनाव आयुक्त
विवेक जोशी की नियुक्ति को भी गलत कहा है.
याचिकाकर्ता जया ठाकुर की तरफ से पेश एक वकील ने
मामले को महत्वपूर्ण बताते हुए आज ही सुनवाई की मांग की. इस पर जस्टिस सूर्य कांत
ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में दाखिल होने वाली हर याचिका महत्वपूर्ण होती है. वकील
प्रशांत भूषण ने कहा कि इस सुनवाई में कम से कम एक घंटा लगेगा. इस पर बेंच ने कहा
कि यह सुनवाई आज संभव नहीं हो सकती. आपको जल्दी सुनवाई की अगली तारीख दे दी जाएगी.
नए कानून में चीफ जस्टिस ऑफ़ इंडिया को चुनाव
आयुक्त की नियुक्ति से हटा दिया गया है, जिस पर कांग्रेस समेत सभी विपक्षी
पार्टियों ने आपत्ति जताई थी. यही नहीं 17 फरवरी को चुनाव आयुक्त के चयन समिति की
बैठक में विपक्ष नेता राहुल गांधी ने अपना विरोध भी दर्ज कर दिया था, लेकिन 3
सदस्यों वाली समिति में दो एक से ज्ञानेश कुमार को नया चुनाव आयुक्त नियुक्त कर
दिया गया है. समिति में प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और विपक्ष
नेता राहुल गांधी शामिल हैं.
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