आज, 12 जून 2025 को, गुजरात के अहमदाबाद में सरदार वल्लभभाई पटेल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से लंदन (गैटविक) जा रही एयर इंडिया की फ्लाइट AI-171 (बोइंग 787 ड्रीमलाइनर) टेकऑफ के तुरंत बाद मेघानीनगर के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गई। इस विमान में 242 लोग सवार थे, जिनमें 230 यात्री और 12 क्रू मेंबर (2 पायलट सहित) शामिल थे। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, पायलट ने क्रैश से पहले "मेडे" कॉल (इमरजेंसी सिग्नल) दिया था, जो इंजन की तकनीकी खराबी या किसी वस्तु से टकराने का संकेत देता है। हादसे के बाद रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू हो गया, जिसमें 10 दमकल गाड़ियां मौके पर पहुंचीं। हताहतों की संख्या की आधिकारिक पुष्टि अभी नहीं हुई है, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि पूर्ण ईंधन के साथ टेकऑफ के दौरान हुए इस हादसे में जीवित बचे लोगों की संभावना कम है। विमान के ब्लैक बॉक्स की जांच से हादसे के कारणों का खुलासा होने की उम्मीद है। इस हादसे में गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी के सवार होने की भी खबर है।
भारत में यात्री विमान हादसों का इतिहास और हताहतों की जानकारी:
भारत में पिछले कई दशकों में कई बड़े यात्री विमान हादसे हुए हैं, जिनमें सैकड़ों लोगों की जान गई। नीचे भारत के प्रमुख यात्री विमान हादसों की सूची, उनके कारण और हताहतों की जानकारी दी गई है:
3 नवंबर 1950: एयर इंडिया फ्लाइट 245
स्थान: मॉन्ट ब्लांक, फ्रांस
विमान: लॉकहीड L-749A कॉन्स्टेलेशन
हताहत: 48 (सभी यात्री और क्रू मेंबर)
कारण: खराब मौसम और नेविगेशन में गड़बड़ी।
विवरण: यह हादसा भारत के बाहर हुआ, जब विमान जेनेवा की ओर जा रहा था।
24 जनवरी 1966: एयर इंडिया फ्लाइट 101
स्थान: मॉन्ट ब्लांक, फ्रांस
विमान: बोइंग 707-437
हताहत: 117 (सभी यात्री और क्रू मेंबर)
कारण: पायलट की गलती और एयर ट्रैफिक कंट्रोल के साथ गलत संचार। कुछ साजिश के दावे भी किए गए।
विवरण: इस विमान में भारत के प्रसिद्ध परमाणु वैज्ञानिक डॉ. होमी जहांगीर भाभा सवार थे।
14 जून 1972: जापान एयरलाइंस फ्लाइट 471
स्थान: पालम एयरपोर्ट, नई दिल्ली के पास
विमान: डगलस DC-8
हताहत: 85 (82 यात्री + 3 जमीन पर)
कारण: फॉल्स ग्लाइड पाथ सिग्नल (जापान का दावा) और लेटडाउन प्रक्रिया की अनदेखी (भारत का दावा)।
विवरण: लैंडिंग के दौरान विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया।
31 मई 1973: इंडियन एयरलाइंस फ्लाइट 440
स्थान: पालम एयरपोर्ट, नई दिल्ली
विमान: बोइंग 737
हताहत: 48 (65 यात्रियों में से)
कारण: पायलट की गलती।
विवरण: लैंडिंग के दौरान विमान क्रैश हो गया।
12 अक्टूबर 1976: इंडियन एयरलाइंस फ्लाइट 171
स्थान: बॉम्बे (मुंबई)
विमान: सुद एविएशन कारवेल
हताहत: 95 (सभी यात्री और क्रू मेंबर)
कारण: इंजन फेल होने के कारण विमान में आग।
विवरण: टेकऑफ के दौरान इंजन में खराबी के बाद विमान क्रैश हो गया।
1 जनवरी 1978: एयर इंडिया फ्लाइट 855
स्थान: अरब सागर, मुंबई के तट के पास
विमान: बोइंग 747-237B (सम्राट अशोक)
हताहत: 213 (सभी यात्री और क्रू मेंबर)
कारण: कॉकपिट में यंत्र की विफलता और पायलट का स्थानिक भटकाव (spatial disorientation)।
विवरण: टेकऑफ के दो मिनट बाद विमान समुद्र में गिर गया। यह उस समय एयर इंडिया का सबसे घातक हादसा था।
21 जून 1982: एयर इंडिया फ्लाइट
स्थान: मुंबई
विमान: बोइंग 707-400
हताहत: 17 (99 यात्रियों में से 15 + 12 क्रू मेंबर में से 2)
कारण: भारी बारिश और रात में मुश्किल लैंडिंग के कारण रनवे से फिसलना।
विवरण: विमान रनवे से फिसलकर दुर्घटनाग्रस्त हो गया।
23 जून 1985: एयर इंडिया फ्लाइट 182 (कनिष्क बम विस्फोट)
स्थान: अटलांटिक महासागर, आयरलैंड के तट के पास
विमान: बोइंग 747-237B (सम्राट कनिष्क)
हताहत: 329 (सभी यात्री और क्रू मेंबर)
कारण: आतंकवादी हमला (बम विस्फोट)। सिख उग्रवादी संगठन बब्बर खालसा को जिम्मेदार ठहराया गया।
विवरण: यह भारत का सबसे घातक आतंकी हमला और विमान हादसा था, जो कनाडा से लंदन, दिल्ली और मुंबई जा रहा था।
19 अक्टूबर 1988: इंडियन एयरलाइंस फ्लाइट 113
स्थान: अहमदाबाद एयरपोर्ट
विमान: बोइंग 737
हताहत: 130 (135 यात्रियों में से)
कारण: पायलट की गलती।
विवरण: फाइनल अप्रोच के दौरान विमान क्रैश हो गया। यह अहमदाबाद का दूसरा बड़ा हादसा था।
14 फरवरी 1990: इंडियन एयरलाइंस फ्लाइट 605
स्थान: बेंगलुरु एयरपोर्ट
विमान: एयरबस A320
हताहत: 92 (146 यात्रियों में से)
कारण: पायलट की गलती।
विवरण: लैंडिंग के दौरान विमान रनवे से पहले क्रैश हो गया।
16 अगस्त 1991: इंडियन एयरलाइंस फ्लाइट 257
स्थान: इंफाल के पास
विमान: बोइंग 737
हताहत: 69 (सभी यात्री और क्रू मेंबर)
कारण: पायलट की गलती।
विवरण: उतरते समय विमान पहाड़ी से टकरा गया।
26 अप्रैल 1993: इंडियन एयरलाइंस फ्लाइट 491
स्थान: औरंगाबाद, महाराष्ट्र
विमान: बोइंग 737
हताहत: 55 (118 यात्रियों में से)
कारण: टेकऑफ के दौरान रनवे पर ट्रक से टकराव।
विवरण: विमान टेकऑफ के दौरान रनवे पर मौजूद ट्रक से टकराकर क्रैश हो गया।
12 नवंबर 1996: चरखी दादरी हादसा
स्थान: चरखी दादरी, हरियाणा
विमान: सऊदी अरब एयरलाइंस फ्लाइट 763 (बोइंग 747) और कजाकिस्तान एयरलाइंस फ्लाइट 1907 (इल्युशिन Il-76)
हताहत: 349 (दोनों विमानों के सभी यात्री और क्रू मेंबर)
कारण: हवा में टक्कर, एयर ट्रैफिक कंट्रोल की गलती और कजाकिस्तान विमान के गलत ऊंचाई पर उड़ने के कारण।
विवरण: यह भारत का सबसे घातक विमान हादसा है, जिसमें सऊदी विमान दिल्ली से धाहरन और कजाकिस्तान विमान दिल्ली में उतरने वाला था। मलबा 10 किमी तक फैला।
17 जुलाई 2000: एलायंस एयर फ्लाइट 7412
स्थान: पटना एयरपोर्ट
विमान: बोइंग 737-200
हताहत: 63 (58 यात्री + 5 जमीन पर)
कारण: पायलट का नियंत्रण खोना।
विवरण: लैंडिंग से पहले विमान एक आवासीय क्षेत्र में गिरा।
22 मई 2010: एयर इंडिया एक्सप्रेस फ्लाइट IX-812
स्थान: मंगलौर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा, कर्नाटक
विमान: बोइंग 737-800
हताहत: 158 (166 यात्रियों में से, 8 बचे)
कारण: खराब मौसम और रनवे ओवररन।
विवरण: दुबई से आ रहा विमान टेबलटॉप रनवे पर फिसलकर खाई में गिर गया और दो हिस्सों में टूट गया।
7 अगस्त 2020: एयर इंडिया एक्सप्रेस फ्लाइट IX-1344
स्थान: कोझीकोड (कालीकट), केरल
विमान: बोइंग 737-800
हताहत: 21 (दोनों पायलट सहित, 190 यात्रियों में से)
कारण: भारी बारिश, रनवे पर फिसलन और पायलट द्वारा एसओपी की अनदेखी।
विवरण: दुबई से वंदे भारत मिशन के तहत आ रहा विमान रनवे से फिसलकर 100 फीट गहरी खाई में गिर गया। विमान तीन टुकड़ों में टूट गया। 138 लोग घायल हुए।
विश्लेषण और टिप्पणियां:
आंकड़े: एविएशन सेफ्टी के अनुसार, 2017-2023 के बीच भारत में 14 विमान हादसे हुए, लेकिन केवल कोझीकोड (2020) में ही हताहत हुए। विश्व स्तर पर, टेकऑफ और लैंडिंग के दौरान सबसे ज्यादा हादसे होते हैं।
आम कारण: भारत में विमान हादसों के प्रमुख कारणों में पायलट की गलती, खराब मौसम, तकनीकी खराबी, और एयर ट्रैफिक कंट्रोल की त्रुटियां शामिल हैं। चरखी दादरी (1996) और कनिष्क (1985) जैसे हादसे क्रमशः मिड-एयर टक्कर और आतंकवाद से जुड़े थे।
सुरक्षा: विशेषज्ञों के अनुसार, हवाई यात्रा सड़क और रेल की तुलना में सुरक्षित है। IATA का दावा है कि 1.03 लाख साल तक रोजाना उड़ान भरने पर भी घातक हादसे की संभावना न्यूनतम है।
बोइंग विमानों की भूमिका: अहमदाबाद (2025), कोझीकोड (2020), और मंगलौर (2010) में बोइंग 737-800 या 787 जैसे विमान शामिल थे। बोइंग के विमानों में MCAS सिस्टम और पायलट प्रशिक्षण की कमी जैसे मुद्दे पहले भी जांच के दायरे में रहे हैं।
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