अहमदाबाद विमान हादसा और बोइंग विवाद: कारण, थ्योरी, कंपनी की डिटेल और मिथक

 




जय प्रकाश 

12 जून 2025 को गुजरात के अहमदाबाद में सरदार वल्लभभाई पटेल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से लंदन (गैटविक) जा रही एयर इंडिया की फ्लाइट AI-171 (बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर) टेकऑफ के दो मिनट बाद मेघानीनगर के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गई। इस विमान में 242 लोग सवार थे, जिनमें 230 यात्री और 12 क्रू मेंबर (2 पायलट सहित) शामिल थे। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, पायलट ने क्रैश से पहले "मेडे" कॉल दी थी, जो इंजन की तकनीकी खराबी या किसी बाधा से टकराने का संकेत देता है। हादसे में 40 यात्रियों की मौत की पुष्टि हो चुकी है, लेकिन अंतिम संख्या की आधिकारिक जानकारी बाकी है। यह हादसा बोइंग विमानों की सुरक्षा और विश्वसनीयता पर फिर से सवाल उठाता है।

बोइंग कंपनी: एक संक्षिप्त परिचय

स्थापना और इतिहास: बोइंग कंपनी की स्थापना 191 6 में विलियम बोइंग द्वारा हुई थी। यह अमेरिका की सबसे बड़ी एयरोस्पेस कंपनी और दुनिया की प्रमुख विमान निर्माता कंपनियों में से एक है। इसका मुख्यालय शिकागो, इलिनोइस में है। बोइंग वाणिज्यिक विमान (जैसे 737, 747, 787), सैन्य विमान, उपग्रह, और रक्षा प्रणालियों का निर्माण करती है।

बोइंग 787 ड्रीमलाइनर: अहमदाबाद हादसे में शामिल विमान बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर था, जो लंबी दूरी की उड़ानों के लिए डिज़ाइन किया गया है। यह 2011 में पहली बार वाणिज्यिक सेवा में आया। इसकी विशेषताओं में ईंधन दक्षता, उन्नत नेविगेशन सिस्टम, और यात्री सुविधाएं शामिल हैं। विमान की कीमत लगभग 248 मिलियन डॉलर है। यह 44,000 उड़ान चक्रों की जीवन अवध ि के लिए डिज़ाइन किया गया है, जो 30-50 साल की सेवा का संकेत देता है। अहमदाबाद में क्रैश हुआ विमान केवल 11.5 साल पुराना था।

वैश्विक उपयोग: बोइंग 787 ड्रीमलाइनर का उपयोग एयर इंडिया, ब्रिटिश एयरवेज, कतर एयरवेज, और एतिहाद एयरवेज जैसी कई प्रमुख एयरलाइंस करती हैं। एयर इंडिया के बेड़े में 25 से अधिक 787-8 विमान हैं, जिन्हें 2012 में शामिल किया गया था।

बोइंग विमानों के हादसों का इतिहास और सवाल

बोइंग विमान दुनिया भर में 6,000 से अधिक दुर्घटनाओं और घटनाओं में शामिल रहे हैं, जिनमें 415 घातक थीं और 9,000 से अधिक लोगों की मौत हुई।

प्रमुख हादसे:

2018: लायन एयर फ्लाइट 610 (बोइंग 737 MAX): इंडोनेशिया में क्रैश, 189 लोगों की मौत। कारण: MCAS (Maneuvering Characteristics Augmentation System) में खराबी और पायलट प्रशिक्षण की कमी।

2019: इथियोपियन एयरलाइंस फ्लाइट 302 (बोइंग 737 MAX): इथियोपिया में क्रैश, 157 लोगों की मौत। कारण: MCAS सॉफ्टवेयर में त्रुटि। इन हादसों के बाद 737 MAX पर वैश्विक उड़ान प्रतिबंध लगा।

2024: साउथ कोरिया में बोइंग विमान क्रैश: लगभग 180 लोगों की मौत।

2025: अहमदाबाद हादसा (बोइंग 787-8): प्रारंभिक जांच में इंजन फेलियर या किसी बाधा से टकराने की संभावना।

 

भारत में बोइंग हादसे:

1978: एयर इंडिया फ्लाइट 855 (बोइंग 747): मुंबई में क्रैश, 213 मौतें। कारण: उपकरण विफलता और पायलट का स्थानिक भटकाव।

2010: एयर इंडिया एक्सप्रेस फ्लाइट IX-812 (बोइंग 737-800): मंगलौर में क्रैश, 158 मौतें। कारण: रनवे ओवररन और पायलट की थकान।

2020: एयर इंडिया एक्सप्रेस फ्लाइट IX-1344 (बोइंग 737-800): कोझीकोड में क्रैश, 21 मौतें। कारण: भारी बारिश और रनवे पर फिसलन।

विवाद:

MCAS सिस्टम: 737 MAX हादसों में MCAS की खराबी ने बोइंग की डिज़ाइन और सॉफ्टवेयर प्रक्रियाओं पर सवाल उठाए। पायलटों को इस सिस्टम की पर्याप्त जानकारी नहीं दी गई थी।

गुणवत्ता और उत्पादन: बोइंग 787 की सप्लाई चेन में देरी और पुर्जों की गुणवत्ता में कमी के आरोप लगे हैं। 2013 में बैटरी सिस्टम में आग की घटनाओं के कारण 787 की उड़ानों पर तीन महीने का प्रतिबंध लगा था।

कॉर्पोरेट प्राथमिकताएं: कुछ आलोचक दावा करते हैं कि बोइंग ने लागत कम करने और शेयरधारकों को लाभ पहुंचाने के लिए सुरक्षा और गुणवत्ता पर कम ध्यान दिया।

अहमदाबाद हादसे के संभावित कारण और थ्योरी

अहमदाबाद हादसे की जांच डीजीसीए, बोइंग की तकनीकी टीम, और अन्य विशेषज्ञों द्वारा की जा रही है। ब्लैक बॉक्स (फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर और कॉकपिट वॉइस रिकॉर्डर) की जांच से सटीक कारणों का पता चलेगा। प्रारंभिक थ्योरी और संभावित कारण इस प्रकार हैं:

इंजन फेलियर: पायलट की मेडे कॉल और क्रैश की तीव्रता से संकेत मिलता है कि इंजन में तकनीकी खराबी हो सकती है। एविएशन विशेषज्ञों के अनुसार, टेकऑफ के दौरान इंजन फेल होना घातक हो सकता है, क्योंकि विमान कम ऊंचाई पर होता है।

बर्ड हिट या बाधा से टक्कर: कुछ रिपोर्ट्स में कहा गया है कि विमान का पिछला हिस्सा किसी बाधा (जैसे पेड़ या बिल्डिंग) से टकराया, जिससे नियंत्रण खो गया। बर्ड हिट भी टेकऑफ के दौरान इंजन को नुकसान पहुंचा सकता है।

 

लोड फैक्टर मिसकैलकुलेशन: एविएशन विशेषज्ञ डॉ. वंदना सिंह के अनुसार, विमान में वजन का असंतुलन (लोड फैक्टर) हादसे का कारण बन सकता है। यह यात्रियों, सामान, और ईंधन के असमान वितरण से होता है।

तकनीकी खराबी: बोइंग 787 की बैटरी सिस्टम और इलेक्ट्रिकल समस्याओं का इतिहास रहा है। हालांकि, ड्रीमलाइनर को पहले सुरक्षित माना जाता था, लेकिन अहमदाबाद हादसा इस मॉडल का पहला घातक हादसा हो सकता है।

पायलट की गलती: टेकऑफ के दौरान 65% हादसे मानवीय भूल से होते हैं। हालांकि, कैप्टन सुमीत सभरवाल (8200 घंटे का अनुभव) और फर्स्ट ऑफिसर क्लाइव कुंदर (1100 घंटे का अनुभव) अनुभवी थे, लेकिन कम समय में गलत निर्णय लेना हादसे का कारण बन सकता है।

मौसम या माइक्रोबर्स्ट: तेज हवा या माइक्रोबर्स्ट (अचानक नीचे की ओर तेज हवा) टेकऑफ के दौरान विमान को अस्थिर कर सकती है। हालांकि, अहमद ाबाद में मौसम की स्थिति पर अभी कोई स्पष्ट जानकारी नहीं है।

 

 

बोइंग से जुड़े मिथक और सच्चाई

मिथक: बोइंग के सभी विमान असुरक्षित हैं

सच्चाई: बोइंग के विमान, जैसे 787 ड्रीमलाइनर, उन्नत तकनीक और रिडंडेंट सिस्टम (जैसे अतिरिक्त इंजन, हाइड्रोलिक्स) से लैस हैं। एविएशन सेफ्टी के अनुसार, हवाई यात्रा सड़क और रेल से अधिक सुरक्षित है। 2017-2023 में 813 हादसों में केवल 1,473 मौतें हुईं, जो वैश्विक उड़ानों की संख्या को देखते हुए कम है। हालांकि, 737 MAX और अन्य मॉडलों में खामियां सामने आई हैं।

मिथक: बोइंग हादसों का कारण केवल तकनीकी खराबी है

सच्चाई: हादसों के कारणों में तकनीकी खराबी, पायलट की गलती, मौसम, और रखरखाव की कमी शामिल हैं। यूरोपियन ट्रांसपोर्ट सेफ्टी काउंसिल के अनुसार, 90% हादसे तकनीकी खामियों से जुड़े हैं, लेकिन मानवीय भूल भी बड़ा कारक है।

मिथक: बोइंग 787 ड्रीमलाइनर पूरी तरह सुरक्षित है

सच्चाई: 787 को पहले सुरक्षित माना जाता था, लेकिन बैटरी और इलेक्ट्रिकल सिस्टम में समस्याएं सामने आईं। अहमदाबाद हादसा इस मॉडल का पहला बड़ा हादसा हो सकता है, जो इसकी सुरक्षा पर सवाल उठाता है।

मिथक: बोइंग जानबूझकर सुरक्षा से समझौता करता है

सच्चाई: बोइंग पर लागत कम करने के आरोप लगे हैं, लेकिन ये साबित नहीं हुआ है। 737 MAX हादसों के बाद कंपनी ने सॉफ्टवेयर अपडेट और प्रशिक्षण में सुधार किया। हालांकि, उत्पादन में जल्दबाजी और गुणवत्ता नियंत्रण की कमी की आलोचना होती रही है।

वर्तमान स्थिति और जांच

रेस्क्यू ऑपरेशन: हादसे के बाद एनडीआरएफ, बीएसएफ, और दमकल की 10 गाड़ियां मौके पर पहुंचीं। मेघानीनगर में धुएं का गुबार और आग की लपटें देखी गईं।

जांच: डीजीसीए ने जांच शुरू कर दी है। बोइंग की तकनीकी टीम भी शामिल हो सकती है। ब्लैक बॉक्स की जांच से इंजन, सिस्टम, और पायलट के निर्णयों की जानकारी मिलेगी।

 

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